हिन्दी उपन्यास का विकास


हिन्दी उपन्यास का विकास

तृतीय उत्थान : प्रेमचन्दोत्तर युग

  • जैनेन्द्र कुमार को हिन्दी में मनोविश्लेषणवादी उपन्यास का जनक माना जाता है।
  • डॉ. गोपाल राय के अनुसार, ''इलाचन्द्र जोशी को हिन्दी में मनोवैज्ञानिक उपन्यास का पुरस्कर्ता माना जा सकता है।''
  • जैनेन्द्र कुमार ने निम्नलिखित उपन्यासों की रचना की है-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    परख 1929 प्रेम का आदर्शीकरण
    सुनीता 1934 श्रीकांत, सुनीता एवं हरिप्रसन्न के मनोभावों का विश्लेषण
    त्याग पत्र 1937 स्त्री के विद्रोही व्यक्तित्व का चित्रण
    कल्याणी 1939 विवाह के पश्चात की समस्या का चित्रण
    सुखदा 1952 नायिका सुखदा के मनोभावों का विश्लेषण
    विवर्त 1953 भुवनमोहिनी एवं जितेन की प्रेम कथा का चित्रण
    व्यतीत 1953
    जयवर्द्धन 1956 व्यक्ति की निजता एवं शासन की सामाजिकता के द्वंद्व का चित्रण
    मुक्तिबोध 1965
    अनन्तर 1968
    अनाम स्वामी 1974 मानव के धार्मिक रूढ़ियों से मुक्त होने का चित्रण
    दशार्क 1985 विवाह विच्छेद एवं स्त्री जीवन की विडम्बना का चित्रण
  • जैनेन्द्र कुमार के उपन्यासों का मूल विषय काम-पीड़ा एवं अहं का समर्पण है।
  • इलाचन्द्र जोशी मनोविश्लेषणवादी उपन्यासकार हैं। इनके प्रमुख उपन्यास निम्न है-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    घृणामयी 1929 एक युवती के पश्चाताप का चित्रण (1950 में 'लज्जा' शीर्षक से)
    संन्यासी 1940 नंद किशोर के अहंभाव का मनोविश्लेषण
    पर्दे की रानी 1942 मानसिक विकृतियों के व्यक्तियों के चरित्र की मनोवैज्ञानिक व्याख्या
    प्रेम और छाया 1944 पारसनाथ की मानसिक कुण्ठा का चित्रण
    निर्वासित 1946 महीप और नीलिमा के प्रेम का चित्रण
    मुक्तिपथ 1948
    सुबह के भूले 1951
    जहाज का पंक्षी 1954 ईमानदार एवं आदर्शवादी व्यक्ति के कष्टों का चित्रण
    ऋतु चक्र 1969 आधुनिकता के नाम पर पनपती विसंगति का चित्रण
    भूत का भविष्य 1973
    कवि की प्रेयसी 1976
  • सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' एक प्रौढ़ मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार हैं।
  • जैनेन्द्र ने सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन को 'अज्ञेय' नाम दिया था।
  • अज्ञेय की प्रमुख औपन्यासिक कृतियाँ हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    शेखर : एक जीवनी भाग- एक (1940)
    भाग- दो (1944)
    नायक शेखर के कैशोर्य का विश्लेषण
    शेखर के युवाकाल की मानसिक स्थिति का अंकन
    नदी के द्वीप 1951 रेखा, भुवन एवं गौरा की प्रेम कथा
    अपने अपने अजनबी 1961 मृत्यु से साक्षात्कार
  • अज्ञेय के अनुसार, ''शेखर की खोज अन्ततोगत्वा स्वतंत्रता की खोज है।''
  • 'शेखर : एक जीवनी' पर रोम्या रोलां की पुस्तक ज्यों क्रिस्तोफ़' का प्रभाव लेखक ने स्वीकार किया है।
  • आलोचकों ने 'शेखर : एक जीवनी' की आलोचना 'प्रकाशमान पुच्छल तारा' कहकर की है।
  • डॉ. देवराज ने निम्नलिखित मनोवैज्ञानिक उपन्यासों की रचना की है-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    पथ की खोज 1951 प्रेम एवं विवाह के नैतिकता का प्रश्न
    बाहर भीतर 1954 मध्यवर्गीय परिवार में स्त्री की यातनापूर्ण स्थिति का चित्रण
    रोड़े और पत्थर 1958 मध्यवर्गीय लोगों के कुण्ठित जीवन की त्रासदी का चित्रण
    आज की डायरी 1960 असफल वैवाहिक जीवन एवं प्रेम के त्रासद अन्त का चित्रण
    मैं, वे और आप 1969 समकालीन जीवन मूल्यों के विघटन का चित्रण
    दोहरी आग की लपट 1973 प्रेम और दाम्पत्य की समस्या का चित्रण
    दूसरा सूत्र 1978
  • विष्णु प्रभाकर मानवतावादी उपन्यासकार हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    ढलती रात 1951 सन् 1920-36 तक की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति का चित्रण
    तट के बंधन 1955 प्रेम व विवाह एवं नारी मुक्ति का चित्रण
    स्वप्नमयी 1996 स्त्री के काल्पनिक, तर्कातीत एवं स्वप्नजीवी चरित्र का अंकन
    कोई तो 1980 नैतिक रूढ़ियों एवं बलात्कार की शिकार स्त्रियों की समस्या
    अर्धनारीश्वर 1922 स्त्रियों के बलात्कार एवं यातना का चित्रण
    संकल्प 1993 परित्यक्ता स्त्री की मनोभावों का अंकन
  • उदयशंकर भट्ट एक मानवतावादी उपन्यासकार हैं। इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    नये मोड़ 1954 सुशिक्षित एवं आत्मनिर्भर नारी की विवशता का चित्रण
    सागर लहरें और मनुष्य 1956 बम्बई के बारसोवा मछुआरों की जिन्दगी का चित्रण
    लोक-परलोक 1958 ग्रामीण जीवन पर आधुनिक सभ्यता के प्रभाव का चित्रण
    शेष-अशेष 1960 साधु-संन्यासियों के जीवन का यथार्थ चित्रण
  • भगवतीचरण वर्मा व्यक्तिवादी एवं नियतिवादी उपन्यासकार हैं। इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    पतन 1927 अपराध एवं बलात्कार प्रधान ऐतिहासिक उपन्यास।
    चित्रलेखा 1934 पाप एवं पुण्य के नैतिक प्रश्न का चित्रण।
    तीन वर्ष 1936 प्रेम का विवाह में परिणति, इस समस्या का चित्रण।
    टेढ़े मेढ़े रस्ते 1946 गाँधीवाद, साम्यवाद और आतंकवाद का टेढ़े मेढ़े रास्ते के रूप में चित्रण।
    आखरी दाँव 1950 एक जुआरी की असफल प्रेम कथा।
    अपने खिलौने 1957 दिल्ली के माडर्न सोसाइटी पर तीखा व्यंग्य।
    भूले बिसरे चित्र 1959 तीन पीढ़ियों के जीवन मूल्य में परिवर्तन की कथा।
    वह फिर नहीं आई 1960 आधुनिक जीवन की विषमता के बीच गहन जिजीविषा का चित्रण।
    सामर्थ्य और सीमा 1962 प्रकृति के समक्ष मनुष्य की असहायता का चित्रण।
    थके पाँव 1963
    रेखा 1964 नारी के गहन अंतर्द्वंन्द्व का चित्रण
    सच्ची सीधी बात 1968 सन् 1938-48 तक के राष्ट्रवादी नेताओं की दृष्टि का मूल्यांकन
    सबहिं नचावत राम गोसाई 1970 सन् 1919 से 1965 तक के इतिहास का चित्रण।
    प्रश्न और मरीचिका 1973 व्यक्ति के मन में विघटित मानव मूल्य का प्रश्न एवं शासन की मरीचिका का चित्रण।
  • भगवतीचरण वर्मा कृत 'चित्रलेखा' पर फ्रेंच उपन्यासकार अनातोले के उपन्यास 'थाया' का प्रभाव हैं।
  • उपेन्द्रनाथ 'अश्क' को मध्यवर्ग का चितेरा उपन्यासकार कहा जाता है। इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं।
  • 1. सितारों के खेल (1940), 2. गिरती दीवारें (1947), 3. गर्म राख (1957), 4. बड़ी बड़ी आँखे (1955), 5. पत्थर अल पत्थर (1957), 6. शहर में घूमता आईना (1963), 7. एक रात का नरक (एक नन्हीं कंदील का एक अंश 1968), 8. एक नन्हीं कंदील (1969), 9. बाधों न नाँव इस ठाँव (1974), 10. निमिषा (1980), 11. पलटती धारा (1997)।

  • उपेन्द्रनाथ 'अश्क' ने फ्रांसीसी उपन्यास 'रोमाँ फ्लू' से प्रेरणा लेकर 'गिरती दीवारें' को कई श्रृंखला में लिखा।
  • सुमित्रानंदन पंत ने 'बड़ी-बड़ी आँखें' को एक गीति उपन्यास की संज्ञा दी।
  • लक्ष्मीनारायण लाल व्यक्तिवादी उपन्यासकार हैं। इनकी कृतियाँ निम्नांकित हैं-
  • उपन्यास वर्ष उपन्यास वर्ष
    (1) धरती की आँखें 1951 1951 (8) बड़के भैया 1973
    (2) बया का घोंसला और साँप 1953 (9) हरा समन्दर गोपी चंदर 1974
    (3) काले फूल का पौधा 1955 (10) वसंत की प्रतीक्षा 1975
    (4) रूपा जीवा 1959 (11) देवीना 1976
    (5) बड़ी चम्पा छोटी चम्पा 1961 (12) पुरुषोत्तम 1983
    (6) मन वृन्दावन 1966 (13) गली अनारकली 1985
    (7) प्रेम अपवित्र नदी 1972 (14) कनाटपैलेस 1986
  • वृन्दावनलाल वर्मा को हिन्दी में 'सर वाल्टर स्काट' की उपाधि दी जाती है।
  • वृन्दावनलाल वर्मा के प्रारम्भिक उपन्यास- 1. संगम (1927), 2. प्रत्यागत (1927), 3. लगन (1928), 4. कुन्डलीचक्र एवं 5. प्रेम की भेद- सामाजिक यथार्थ की अभिव्यक्ति करते हैं।
  • वृन्दावनलाल वर्मा के ऐतिहासिक उपन्यास बुन्देलखण्ड के मुस्लिम शासन काल की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं जो निम्नांकित हैं-
  • उपन्यास वर्ष उपन्यास वर्ष
    (1) गढ़कुण्डार 1928 (8) विराटा की पद्मनी 1936
    (2) मृगनयनी 1950 1950 (9) टूटे काँटे 1954
    (3) अहिल्याबाई 1955 (10) भुवन विक्रम 1957
    (4) माधवजी सिंधिया 1957 (11) झाँसी की रानी 1946
    (5) कचनार 1948 (12) रामगढ़ की रानी 1961
    (6) महारानी दुर्गावती 1964 (13) कीचड़ और कमल 1964
    (7) सोती आग 1966 (14) देवगढ़ की मुस्कान 1973
  • रांगेय राघेय की प्रथम रचना सन् 1946 में 'घरौंदा' शीर्षक से प्रकाशित हुई। यह परिसर (विश्वविद्यालय) जीवन पर लिखा हिन्दी का प्रथम उपन्यास है।
  • रांगेय राघव ने तीन कोटि के उपन्यासों की रचना की है जो निम्न हैं-
  • 1. जीवनीपरक उपन्यास वर्ष
    देवकी का बेटा
    यशोधरा जीत गई
    लोई का ताना
    रत्ना की बात
    भारती का सपूत 1954
    लखिमा की आँखें 1957
    जब आवेगी काल घटा 1958
    धूनी का धुआँ 1959
    2. ग्रामीण एवं नगरीय यथार्थ के उपन्यास वर्ष
    हुजू 1951
    सीधा सादा रास्ता 1951
    कब तक पुकारूँ 1957
    राई और पर्वत 1958
    छोटी सी बात 1959
    पथ का पाप 1959
    धरती मेरा घर 1960
    आखिरी आवाज 1962
    3. ऐतिहासिक उपन्यास वर्ष विषयवस्तु
    मुर्दो का टीला 1948 मोहनजोदड़ो सभ्यता की पृष्टभूमि पर आधारित
    प्रतिदिन 1950 महाभारत युग के ब्राह्मण एवं क्षत्रिय के संघर्ष का चित्रण
    चीवर 1951 हर्षकाल के ह्रासमान भारतीय सामंतवाद का चित्रण
    अँधेरे के जुगुनू 1953 दासप्रथा को बचाये रखने के लिए कुलीन वर्ग के प्रयत्न का चित्रण
    पक्षी और आकाश 1957
    राह न रूकी 1958 महावीर स्वामी एवं बुद्ध युग के जागरण की कथा
  • रांगेय राघव का 'कब तक पुकारूँ' उपन्यास जरायम पेशा करनट जाति के जीवन-यथार्थ से सम्बन्धित है।
  • रांघेय राघव का 'विषाद मठ' (1946 ई.) बंगाल के अकाल पर आधारित है।
  • अमृतलाल नागर के उपन्यासों को रामविलास शर्मा ने 'हिन्दी के गैर मानक रूपों का पिटारा' कहा है।
  • अमृतलाल नागर के प्रसिद्ध उपन्यास निम्नलिखित हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    महाकाल 1947 बंगाल के अकाल की त्रासदी का चित्रण
    सेठ बाँके लाल 1955
    बूँद और समुद्र 1956 लखनऊ के चौक के रूप में भारत की विभिन्न छवि का चित्रण
    शतरंज के मोहरे 1959 अवध के नवाबों के ह्रासोन्मुख जीवन का चित्रण
    सुहाग के नुपूर 1960 मध्यकालीन कुलवधुओं एवं नाहर वधुओं का चित्रण
    अमृत और विष 1966 भारतीय गणतंत्र के 15 वर्षों का राजनैतिक एवं सामाजिक चित्रण
    सात घूँघटवाला मुखड़ा 1968 मसरू बेगम के नारी-हृदय का चित्रण
    एकदानैमिषारण्ये 1972 आचार्य भार्गव सोमाहुति, नैमिष आन्दोलन एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण का चित्रण
    मानस का हंस 1972 तुलसीदास की जीवनी एवं व्यक्तित्व पर आधारित
    नाच्यौं बहुत गोपाल 1978 भंगी समाज का इतिहास एवं उसके वर्तमान जीवन की नारकीयता का गहरी संवेदनात्मकता के साथ चित्रण
    खंजन नयन 1981 सूरदास के जीवन और व्यक्तित्व पर आधारित
    बिखरे तिनके 1982
    अग्निगर्भा 1983
    करवट 1985 लखनऊ के एक खत्री परिवार की तीन पीढ़ियों का चित्रण
    पीढ़ियाँ 1990 'करवट' उपन्यास के अगले चरण के रूप में
  • आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके उपन्यास निम्नांकित हैं-
  • उपन्यास वर्ष आधार विषयवस्तु
    बाणभट्ट की आत्मकथा 1946 बाणभट्ट, निपुणिका निउनिया प्रेम का उदात्तीकरण एवं हर्ष-कालीन सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक स्थिति का चित्रण
    चारुचन्द्र लेख 1963 राजा सातवाहन चन्द्रलेखा 12वीं-13वीं शती के सांस्कृतिक एवं राजनीतिक स्थिति का चित्रण
    पुनर्नवा 1973 लोरिकायन एवं मृच्छकटिकम् वर्ण व्यवस्था एवं नारी शोषण का चित्रण
    अनामदास का पोथा 1976 छान्दोग्य एवं बृहदारण्यक औपनिषदिक युग के परिवेश एवं जीवन पद्धति का चित्रण
  • नरेन्द्र कोहली हिन्दी उपन्यास के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं, इनकी निम्न रचनाएँ हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषयवस्तु
    आतंक 1972 समकालीन जीवन में अपराधियों को संरक्षण देने वाली शासन तंत्र का चित्रण
    साथ सहा गया दुःख 1974 मध्यवर्गीय शिक्षक नव दम्पति के ब्राह्म एवं आन्तरिक संघर्ष की कथा
    'अभ्युदय' शीर्षक से (दो खण्ड में)
    महामर
    (आठ खण्ड में)
    दीक्षा 1975
    अवसर 1976
    बंधन 1988
    कर्म 1991
    धर्म 1993
    प्रच्छत्र 1997
    प्रत्यक्ष 1998
    निर्बन्ध 2000
    अधिकार 1990
    अन्तराल 1995
    अभिज्ञान 1981 कृष्ण-सुदामा की मित्रता का नया सन्दर्भ
    तोड़ों कारा तोड़ों
    (दो भाग में)
    1992
    1993
    विवेकानन्द की जीवनी पर आधारित
    विवेकानन्द की जीवनी पर आधारित
  • नरेन्द्र कोहली ने 'अभ्युदय' में रामकथा को तथा 'महासमर' में महाभारत की कथा को नये सन्दर्भ में प्रस्तुत किया।
  • अमरकांत एक प्रगतिशील उपन्यासकार हैं। इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं-
  • उपन्यास वर्ष विषय
    सूखा पत्ता 1959 कथानायक कृष्ण की प्रेमकथा का चित्रण
    आकाश पक्षी 1967 स्वाधीन भारतीय समाज के अन्तर्विरोधों का अंकन
    काले उजले दिन 1969 विमाता के व्यवहार से एक व्यक्ति के विघटित चरित्र का अंकन
    ग्राम सेविका 1981
    बीच की दीवार 1981 एक स्त्री की अनेक पुरुषों के प्रति आकर्षण की कथा
    सुख जीवी 1982
    इन्हीं हथियारों से 2003 भारत छोड़ो आन्दोलन से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति तक के सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ का चित्रण
  • अमरकांत और श्रीलाल शुक्ल को सन् 2011 का 45वाँ भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार संयुक्त रूप में प्राप्त हुआ।